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Home » भारत में रेगिस्तानी टिड्डियोँ का आक्रमण...
संदर्भ
- राजस्थान और गुजरात में पाकिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों में रेगिस्तानी टिड्डों की घुसपैठ हुई है।
- अभी तक किसी फसल के नुकसान की सूचना नहीं है।
टिड्डियाँ
- टिड्डे छोटे सींग वाले टिड्डे होते हैं
- ये कीड़े आमतौर पर एकान्त होते हैं, लेकिन कुछ परिस्थितियों में वे अधिक प्रचुर मात्रा में हो जाते हैं और अपने व्यवहार को बदलते हैं
- वे पंखहीन निम्फ के बैंड बनाते हैं
- दल और झुंड दोनों फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं।
- वयस्क शक्तिशाली उड़ान भरने वाले होते हैं।
- टिड्डे फसलों को तबाह कर देते हैं —अकाल और भुखमरी।
- आज टिड्डियां अफ्रीका के कृषि प्रधान क्षेत्रों में सबसे अधिक विनाशकारी हैं।
- रेगिस्तानी टिड्डे (शिस्टोसेरका ग्रीजिया) कुख्यात है
- रेगिस्तानी टिड्डे की विपत्तियां दुनिया के मनुष्यों के दसवें हिस्से की आर्थिक आजीविका के लिए खतरा हो सकती हैं।
नियंत्रण उपाय
- भारत में एक टिड्डी नियंत्रण और अनुसंधान योजना है
- एलडब्लूओ की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राजस्थान और गुजरात में अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्रों में टिड्डी स्थिति की निगरानी और नियंत्रण है;
- एलडब्लूओ एक पाक्षिक बुलेटिन प्रकाशित करता है
- जून के दूसरे पखवाड़े के लिए पीपीक्यूएस वेबसाइट पर नवीनतम बुलेटिन ने कहा कि नियंत्रण अभियानों ने 30 जून तक 5,551 हेक्टेयर को कवर किया था।
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